नमस्कार दोस्तों आज आप इस आर्टिकल में चंद्रयान-2 (Chandrayaan-2) से जुड़े कुछ रोचक
तथ्यों के बारे में जानने वाले हैं। Chandrayaan-2 से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे
में जानने से पहले हम आपको कुछ सामान्य जानकारी देना आवश्यक समझते हैं। चंद्रयान-2
इसरो (Indian Space Research Organization) द्वारा लांच किया गया है। इसके तीन मुख्य भाग हैं - ऑर्बिटर, विक्रम (लैंडर),
रोवर (प्रज्ञान)। आईये अब हम चंद्रयान-2 से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों के बारे में जान लेते
हैं -
Chandrayaan-2 facts in Hindi
1. चंद्रयान-2 22 जुलाई 2019 को लांच किया गया था।
2. यह श्रीहरिकोटा रेंज से भारतीय समयानुसार 02:43 अपराह्न को लांच किया गया था।
3. Chandrayaan-2 6 सितम्बर 2019 को चन्द्रमा की सतह पर लैंड किया गया था।
4. इसकी लैंडिंग के दौरान विक्रम लैंडर से इसका संपर्क टूट गया था।
5. चंद्रयान-2 चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था।
6. Chandrayaan-2 मानव रहित चन्द्रमा पर अपनी रिसर्च करेगा।
7. Chandrayaan-2 के प्रज्ञान (रोवर) में 6 पहिये लगे हुए थे जो कि छोटे-छोटे पत्थरों को बहुत आसानी से पार कर सकते थे।
8. विक्रम लैंडर का कार्य पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर का था।
9. इस मिशन की कुल लगत 978 करोड़ रुपये है।
10 .इस मिशन के लिए चंद्रयान-2 को 3.84 लाख किलोमीटर दूर तक की यात्रा तय करनी थी।
11. ये रॉकेट GSLV Mark-3 से लांच किया गया था।
12. इसके लैंडर का नाम इसरो के सबसे पहले चेयरमैन ‘विक्रम साराभाई’ के नाम पर रखा गया।
13. Chandrayaan-2 इसरो के दसवें चेयरमैन के. सिवन की देखरेख में लांच किया गया था।
14. चंद्रयान-2 को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर इसलिए लैंड किया गया क्योंकि चन्द्रमा का यह हिस्सा पृथ्वी से दिखाई नहीं देता और यह दुनिया इसके दक्षिणी ध्रुव से अन्जान है।
15. Chandrayaan-2 के ऑर्बिटर का वज़न 2,379 kg था।
16. इसके लैंडर ( विक्रम ) का वज़न 1,471 kg था।
17. चंद्रयान-2 के रोवर प्रज्ञान का वज़न 27 kg था।
2. यह श्रीहरिकोटा रेंज से भारतीय समयानुसार 02:43 अपराह्न को लांच किया गया था।
3. Chandrayaan-2 6 सितम्बर 2019 को चन्द्रमा की सतह पर लैंड किया गया था।
4. इसकी लैंडिंग के दौरान विक्रम लैंडर से इसका संपर्क टूट गया था।
5. चंद्रयान-2 चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा था।
6. Chandrayaan-2 मानव रहित चन्द्रमा पर अपनी रिसर्च करेगा।
7. Chandrayaan-2 के प्रज्ञान (रोवर) में 6 पहिये लगे हुए थे जो कि छोटे-छोटे पत्थरों को बहुत आसानी से पार कर सकते थे।
8. विक्रम लैंडर का कार्य पृथ्वी के 14 दिनों के बराबर का था।
9. इस मिशन की कुल लगत 978 करोड़ रुपये है।
10 .इस मिशन के लिए चंद्रयान-2 को 3.84 लाख किलोमीटर दूर तक की यात्रा तय करनी थी।
11. ये रॉकेट GSLV Mark-3 से लांच किया गया था।
12. इसके लैंडर का नाम इसरो के सबसे पहले चेयरमैन ‘विक्रम साराभाई’ के नाम पर रखा गया।
13. Chandrayaan-2 इसरो के दसवें चेयरमैन के. सिवन की देखरेख में लांच किया गया था।
14. चंद्रयान-2 को चन्द्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर इसलिए लैंड किया गया क्योंकि चन्द्रमा का यह हिस्सा पृथ्वी से दिखाई नहीं देता और यह दुनिया इसके दक्षिणी ध्रुव से अन्जान है।
15. Chandrayaan-2 के ऑर्बिटर का वज़न 2,379 kg था।
16. इसके लैंडर ( विक्रम ) का वज़न 1,471 kg था।
17. चंद्रयान-2 के रोवर प्रज्ञान का वज़न 27 kg था।
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